मुश्किल वक्त में घबराकर गलत रास्ता नहीं पकड़ना अपने कर्म की दहलीज से कभी नहीं भटकना स्वविवेक से कार्य करना किसी के बहकावे में कभी नहीं अटकना फिर जिंदगी की सभी ख्वाहिशें पूरी हो जाएंगी
मैं आज भी वफा की उम्मीद रखता हूं उनके फितरत में बेवफाई है अगर दिल के जख्म दिखा दूं आपको खुद यकीन हो जाएगा मैंने कितनी ठोकर खाई है उसके वादों पर भरोसा इस कदर हो गया बेवफाई का भनक लग नहीं पाया सच्ची मोहब्बत का ख्वाब अधूरा रहा मीठी बातों में अपने ठगती रही खुद से ज्यादा विश्वास करता रहा जबसे हकीकत से रूबरू हो गया हूं मेरे सारे भ्रम खत्म हो गए हैं पूछता हूं दिल के इरादों को मुस्कुराकर टाल देती हो तुम्हें प्यार है या नहीं कशमकश में रहता हूं अजब गजब मुश्किल में डाल देती हो थोड़ा बहुत प्यार का असर तब पता चलता है जब मेरे दिनचर्या का हिसाब लेती हो